विटामिन डी की कमी से कौन सा रोग होता है |

Anup Dubey
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विटामिन डी की कमी से बचने के लिए कुछ उपाय


Vitamin D ki kami se kaun sa rog hota hai - अक्सर देखा गया है कि खाने-पीने में पोषक तत्वों की कमी होने के कारण हमें विटामिन डी की कमी का सामना करना पड़ता है अक्सर ऐसे लोग जो ज्यादातर घरों में रहना पसंद करते हैं जो घर से बाहर निकलना ज्यादा पसंद नहीं करते और शुद्ध वातावरण अथवा सूरज की किरणों के ज्यादा कांटेक्ट में नहीं आते अक्सर देखा गया है ऐसे लोगों में विटामिन डी की कमी ज्यादा पाई गई है


विटामिन डी को प्राप्त करने के लिए हमें डेयरी उत्पादों का धमाल अत्यधिक करना चाहिए जैसे मक्खन भी दूध दही इत्यादि चीजों का सेवन करने से हमारे शरीर में विटामिन डी की पूर्ति होती है और जो व्यक्ति इन सब चीजों का सेवन नहीं करते अथवा कम करते हैं ऐसे लोगों में विटामिन डी की कमी पाई गई है

विटामिन डी की कमी बच्चों और वयस्कों में सामान्य रूप से होती है आजकल की पीढ़ी में पोषण की कमी ज्यादा देखी जाती है क्योंकि आजकल फास्ट फूड का चलन ज्यादा है ऐसे में बाजार में मिलने वाले बर्गर पिज्जा जैसे जंक फूड हमारी सेहत को नुकसान तो पहुंचाते हैं साथ ही इनमें विटामिन डी की मात्रा बहुत ही कम पाई जाती है

रात देर तक काम करने वालों अथवा नाइट ड्यूटी करने वालों मैं भी विटामिन डी की कमी देखी गई है अक्सर रात देर रात तक काम करने वाले लोग को दिन में सोने की आदत होती है और ऐसे में रहे सूरज की रोशनी से अछूते रह जाते हैं कारण विटामिन डी की कमी होना स्वभाविक है और ऐसे लोग जो किसी बीमारी से ग्रस्त है और घर से बाहर नहीं निकल पाते

ऐसा देखा गया है कि शाकाहारी लोगों की अपेक्षा मांस मच्छी का सेवन करने वाले लोगों में विटामिन  पी की मात्रा ज्यादा पाई गई है हमें अपने आहार में विटामिन डी युक्त चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए


विटामिन डी कैसे बढ़ाएं ऐसे कौन से आहार है जिससे आप विटामिन डी की प्राप्ति कर सकते हैं

दही,  संतरा, अनाज, मीट, मशरूम, अंडा, दूध, पनीर
अंडे की जर्दी,  मछली संतरे का जूस, टमाटर,  फल तथा मुली आदि हैं

विटामिन डी कितने प्रकार का होता है 


हमारा शरीर विटामिन डी का निर्माण नहीं करता यह हमें सूर्य की किरणों द्वारा और पौधों से प्राप्त होता है
विटामिन डी का निर्माण पेड़ पौधे सूरज की पराबैंगनी किरणों द्वारा करते हैं
 

विटामिन D पांच प्रकार में पाया जाता है लिकिन मुख्य रूप से दो सबसे जरुरी माने जाते है एक व्यक्ति को रोजाना 10 से 20 माइक्रोग्राम के विटामिन डी आवशकता है

1.) विटामिन D2 ( एग्रो कैल्सी फेरोल )

2.) विटामिन D3 ( कोले कैल्सि फेरोल )


इसके अलावा विटामिन D3 मनुष्य का शरीर खुद ही निर्माण करता है यह हमें सूरज की किरणों द्वारा प्राप्त होता है  इसके अलावा मछली का सेवन करने से विटामिन D3 को प्राप्त किया जा सकता है

विटामिन डी 3 की कमी के लक्षण 

vitamin d ki kami se hone wale rog
1.)  इम्यूनिटी कमजोर होना
2.)  हड्डियों का नरम होना
3.)  जोड़ों और हड्डियों में दर्द होना
4.)  उच्च रक्तताप ब्लड प्रेशर का बढ़ना
5.)  मधुमेह डायबिटीज    
6.)  मांसपेशियां कमजोरी महसूस होना
7.)  तनाव में रहना डिप्रेशन होना
8.)  चेहरे पर झुर्रियां पड़ना
9.)  शरीर में दर्द व जोड़ों में दर्द
10.) कमजोरी महसूस होना
11.) छोटे बच्चों में रिकेट्स होना
12.) कैंसर का खतरा
13.) डिप्रेशन होना

कैसे पता करें विटामिन डी की कमी है या नहीं

हमारे शरीर में विटामिन डी की कमी है ना या नहीं यह जानने के लिए कुछ साधारण खून की जांच करने की आवश्यकता होती है इसके लिए आपको खून की कुछ मात्रा लैब में जांच करानी होती है

विटामिन डी की जांच किस तरह की जाती है 

विटामिन डी की जांच मनुष्य के खून द्वारा की जाती है इसके लिए आपको अपने खून की कुछ मात्रा को लैब में टेस्ट कराने के लिए देना पड़ता है यह आपकी वहां से लिया जाता है इसमें आपके के वहां पर एक पट्टी या बैंड बांध दिया जाता है जिससे आप की नसों को साफ देखा जा सके और जिससे खून का बहना बंद हो जाता है उसके बाद आपके नसों से खून की कुछ मात्रा को लिया जाता है खून की जांच के लिए एक सीरीज का इस्तेमाल किया जाता है जिसे एक कांच की

जांच के लिए खून लेने के बाद खून देने वाली जगह पर एक कॉटन को रख दिया जाता है और उस पर एंडेड लगा दी जाती है जिससे खून बाहर की तरफ ना निकले ऐसा देखा जाता है कभी-कभी उस जगह से खून काफी समय तक निकलता रहता है ऐसा ना हो इसलिए उस जगह पर कॉटन से कुछ समय के लिए दबाव दिया जाता है और बैंडेज लगा दी जाती है और अक्सर ऐसे में काला या नीला निशान रखना एक आम बात है


विटामिन डी की कमी से बचने के लिए कुछ उपाय

किस विटामिन डी की कमी हमारे लिए नुकसानदायक है उसी प्रकार विटामिन डी का ज्यादा होना प्लीज हमारे लिए हानिकारक हो सकता है ऐसे में विटामिन डी की मात्रा को सामान्य रखना काफी जरूरी है

अपने आहार में पालक सोयाबीन मछली पनीर जैसे विटामिन डी से भरपूर प्रधानों का इस्तेमाल करना चाहिए

अधिक वजन भी विटामिन डी की कमी होने का कारण बन सकता है ऐसे में अपने वजन को सामान्य बनाए रखने के लिए व्यायाम योगा  करना काफी फायदेमंद साबित होता है

विटामिन डी की कमी का खतरा कब अधिक होता है

1.)  अधिक धूम्रपान करने वाले लोगों को ।
2.)  ज्यादा उम्र वाले व्यक्ति में ।
3.)  अधिक मोटापे के कारन भी खतरा रहता है।
4.)  छोटे बच्चों जिनकी उम्र पांच वर्ष से कम हो ।
5.)  बाईपास सर्जरी के बाद खतरा अधिक रहता है।
 

                                               

जैसे ही विटामिन डी की कमी हमारे शरीर में होती है तो ऐसे में हमारा शरीर की इम्युनिटी कमजोर हो जाती है और ऐसे में हम कोई भी काम करते हैं तो बहुत जल्दी थक जाते हैं हम बैठे हुए भी कमजोरी महसूस करते हैं और हम बार-बार बीमार होने लगते हैं छोटी सी बीमारी भी  जल्दी ठीक नहीं हो पाती हमारे शरीर की हड्डियां कमजोर हो चुकी होती है और ऐसे में शरीर में दर्द अथवा दांतों में दर्द रहता है


आजकल की बदलती जीवन शैली में बहुत ही जरूरी है कि आपको विटामिन डी की कमी हो जाए ऐसे में जीवन शैली में बदलाव करना बहुत ही जरूरी है

विटामिन डी की पूर्ति करने के लिए सूरज की किरणों को विटामिन डी का अच्छा सोत्र माना गया है धूप सेकने से शरीर में विटामिन बनने लगता है

एक औसत व्यक्ति को प्रतिदिन 60 1000 आयु विटामिन डी की आवश्यकता होती है इससे हमारे शरीर में इम्यूनिटी बढ़ती है श सच

शरीर में कैल्शियम की मात्रा को बनाए रखने के लिए और हड्डियों को मजबूत रखने के लिए विटामिन डी का हमारे शरीर में एक निश्चित मात्रा में होना बहुत ही जरूरी होता है

विटामिन डी की कमी से होने वाले रोगों से बचने के लिए आपको इसकी जांच कराना बहुत ही आवश्यक है

यदि आपके शरीर में विटामिन डी की कमी है तो इसका पता लगाने के लिए आपको बस एक  रक्त की जांच (ब्लड टेस्ट)  करने की जरूरत है आपके शरीर में मौजूद विटामिन डी के स्तर को खून की जांच द्वारा पता है लगाया जा सकता है


निष्कर्ष
आशा करते हैं हिंदी रुचि द्वारा प्रकाशित यह लेख आपको पसंद आया होगा आज हमने आपको विटामिन डी से जुड़ी जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है आशा करते हैं आपको यह जानकारी पसंद आई होगी

विटामिन डी की कमी से कौन सा रोग होता है इसकी जानकारी आपके लिए आपके लिए काफी उपयोगी साबित होगी आप लेख से संबंधित कुछ सुझाव देना चाहते हैं या आपके कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर हमसे साझा कर सकते हैं



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